Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -06-Feb-2023 बिन ब्याही मां

बिन ब्याही मां 


मराया अभी तक घर नहीं लौटी थी । रात के दो बज रहे थे । उसकी मां तान्या उसका इंतजार करके थक चुकी थी । उसे मारिया की बहुत चिंता हो रही थी । और दिन तो वह एक डेढ बजे तक तो आ ही जाती थी मगर आज न जाने क्यों दो बज गये थे और मराया अभी तक लौटी नहीं थी । तान्या ने उसे कई बार फोन भी किया था मगर मराया ने फोन नहीं उठाया था । उसने कॉल बैक भी नहीं किया था । वैसे तो मराया कोई छोटी बच्ची नहीं थी , 30 साल की थी लेकिन मां को तो चिंता हो ही जाती है ना । वह बार बार गेट को देख रही थी और कान डोरबैल की आवाज पर लगे हुए थे । 

अचानक बाहर एक गाड़ी के रुकने की आवाज आई । उसने खिड़की से देखा कि एक लड़का मराया को गाड़ी में से उतार कर उसे सहारा देते हुए गेट तक ला रहा था । मराया उसे बार बार कह रही थी "अब तुम जाओ सलीम, मैं चली जाऊंगी" मगर सलीम कह रहा था "नो नो मराया, यू आर सो ड्रंकेन दैट यू कॉन्ट वॉक ए सिंगल स्टेप्स" । सलीम ने डोरबैल बजाई । तान्या ने दरवाजा खोला और मराया अंदर आ गई । सलीम बिना तान्या को देखे चला गया । 
"ये कौन है" ? तान्या का प्रश्न छूटा 
"एक लड़का है और कौन है" ? जवाब बहुत तीखा था जैसे कि मराया को प्रश्न बड़ा नागवार लगा हो 
"वो तो मैं भी देख रही हूं , पर है कौन" ? 
"फिल्म इंडस्ट्री का ही एक आदमी है , मुझे अपनी फिल्म में हीरोइन ले रहा है । इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह रमेश है कि सलीम है या जॉनसन है । वह एक मर्द है इसमें कोई संशय नहीं है " मराया के नशे में झूमते चेहरे पर झुंझलाहट थी । 
"मैं देख रही हूं कि आजकल रोज ही एक नया आदमी तुझे छोड़ने आता है । क्या चल रहा है ये" ? 
"मॉम ये बॉलीवुड है , यहां औरत को एक "माल" समझा जाता है । और यह अनुमति मर्दों को किसने दी ?  औरतों ने ही दी है ना ? यदि औरतें मर्दों की नाजायज मांगों को मानने से इंकार कर दें तो किसी मर्द की क्या मजाल है जो वह किसी औरत को छू भी सके । पर हम औरतों ने अपना "कैरियर" बनाने के लिए अपने "जिस्म" को मोहरा बनाया और बॉलीवुड में एक मुकाम बनाया । अब उससे क्या फर्क पड़ता है कि इस जिस्म को एक मर्द भोगे या सौ मर्द भोगें । वैसे भी हम लोग भी बच्चे नहीं हैं, जवान हैं । हमारी भी कुछ  जिस्मानी जरूरतें हैं । कैरियर के चक्कर में हम लोग भी शादी नहीं करती हैं । पर जिस्म को भी तो भूख लगती है ना ? उसे भी तो खुराक चाहिए । कहां से आयेगी वो खुराक ? ये निर्माता,  निर्देशक , हीरो वगैरह ही तो हैं जो अपने जिस्म की भूख मिटाने के साथ साथ हमारे जिस्म की आग भी शांत करते हैं । इसमें गलत क्या है ? स्त्री पुरुष में एक ही रिश्ता है और वह है केवल स्त्री पुरुष का , बाकी सब बकवास है । तो मैं भी वही काम करती हूं जो एक जवान लड़की को जवानी में करना चाहिए" । 
मराया के शब्द तीर की तरह तान्या के दिल को छलनी कर रहे थे । 
"अगर जिस्मानी बात है तो शादी करके घर बसा ले , रोज रोज नया घर और नया वर का किस्सा तो खत्म हो । अपने बच्चे पैदा कर और उन्हें पाल पोष" । तान्या ने उसे समझाने की कोशिश की । इस पर मराया बहुत जोर से हंसी और हंसते हंसते बोली 
"शादी का सुझाव कौन दे रही है ? एक ऐसी मां जिसने खुद शादी नहीं की और बिन ब्याही मां बन गई । वाह मॉम, बहुत बढिया सलाहकार हैं आप ! खुद ने तो शादी की नहीं और मुझे कह रही हैं शादी करने के लिए" मराया ने तान्या को तिरस्कार करने वाली नजरों से देखा । 

तान्या को इन शब्दों से बहुत ठेस लगी । यह सही है कि मराया ने जो कहा था वह सोलह आने सही था । उसने भी "उन्मुक्त जीवन" जीने के लिए शादी नहीं की थी । उसे खुद याद नहीं है कि उसने कितने मर्दों से संबंध बनाये थे । मगर जब उसका दिल एक विदेशी क्रिकेटर पर आ गया तो फिर वह उसी की होकर रह गई । उस क्रिकेटर ने साफ कह दिया था कि वह उससे शादी नहीं करेगा क्योंकि वह पहले से शादीशुदा है और न वह अपनी पत्नी को तलाक देगा । यदि तान्या को मंजूर हो तो वह "रखैल" की तरह रह सकती है । जब वह भारत आयेगा तो उसके साथ रहेगा । या फिर जब कभी विदेश दौरे में अगर बीवी साथ नहीं होगी तो वह साथ रह सकती है । बच्चों के लिए उसने साफ मना कर दिया कि वह बच्चों की परवरिश नहीं करेगा । यहां तक कि उन्हें अपना नाम भी नहीं देगा । इन शर्तों पर प्यार करना मंजूर हो तो करो अन्यथा नहीं । तान्या पर तो उसका भूत इस कदर सवार था कि उसने सब शर्तें मान लीं और वह उसकी "रखैल" बन गई । बाद में यह मराया भी उसी से पैदा हुई थी । लेकिन जब मराया पैदा हुई और वह अपने पिता के बारे में जब जब पूछती थी तब तब उसे अहसास होता था कि उसने ऐसा निर्णय लेकर गलती की है । तान्या को अब पूरी तरह अहसास हो गया है कि उसका निर्णय गलत था । बस, यही बात वह मराया को समझाना चाहती थी । मगर मराया सुनने को ही तैयार नहीं है तो वह क्या करे" ? 

इतने में मराया को जोर से उल्टी हुई । पूरे फर्श पर उल्टी फैल गई । मराया निढाल होकर फर्श पर ही लेट गई । तान्या ने नौकरों को बुलाया और मराया को उठा कर बिस्तर पर लिटाया । उसका मुंह साफ किया और फर्श साफ करवाया ।
मराया ने पता नहीं कितनी दारू पी थी ? उल्टी होने से उसे कुछ चैन मिला और उसे नींद आ गई । बाद में तान्या भी सो गई । 

अगले दिन तान्या ने चैक अप करवाया तो डॉक्टर ने उसे गर्भवती बता दिया । मराया एक बार सोच में पड़ गई फिर उसके चेहरे पर दृढ निश्चय के भाव आ गये । 
"इस बच्चे को गिरा दे डॉक्टर" तान्या बोली 
"नहीं डॉक्टर, बच्चे को मत गिराना । मैं इसे जन्म देना चाहती हूं" मराया चीख पड़ी । 
"तू नहीं जानती है कि बिन ब्याही मां अपने बच्चे को कैसे पालती है ? एक अकेली औरत जात के पीछे सारा जमाना पड़ा रहता है । और तेरी स्थिति तो और भी बदतर है । क्या तुझे पता है कि इस बच्चे का बाप कौन है" ? 
"क्या करना है यह जानकर कि बच्चे का बाप कौन है ? मैं किस किस को याद रखूं ? पता नहीं कितने लोग आये हैं मेरी जिंदगी में ? मैं कोई सबका हिसाब थोड़ी न रखती हूं । कोई भी बाप हो, मुझे उससे क्या लेना है" ? 
"बच्चे को मां के साथ साथ बाप भी चाहिए । बाप का प्यार भी चाहिए । बाप की डांट फटकार भी चाहिए । एक बाप के बिना वैसा ही महसूस होता है जैसे कि किसी बिना छत के मकान में रह रहे हों । हम लोग "स्वतंत्रता के खोखले नारे में" , कैरियर बनाने के लोभ लालच में , रंगरेलियां मनाने में या किसी और कारण से अनेक मर्दों से शारीरिक संबंध बना लेते हैं और बिन ब्याही मां बनने का फैसला भी ले लेते हैं तो यह फैसला अपनी और अपनी संतान की जिंदगी के लिए बहुत दर्दनाक सिद्ध होता है । मैं भुक्त भोगी हूं इसलिए तुझे समझा रही हूं । वरना जो तेरी मर्जी हो कर लेना" । तान्या क्रोधित हो गई थी । 

आजकल की लड़कियां किसी के बाप की भी बात नहीं मानती हैं । नारीवाद और स्वतन्त्रता का ऐसा बुखार चढ़ा है उन पर कि वे अपने फैसले खुद लेती हैं । ऐसा नहीं है कि वे अपने गलत फैसलों के कारण परेशान नहीं होती हैं , जरूर होती हैं । कोई तलाक का दंश झेलती हैं तो किसी की लाश 35 टुकड़ों में सूटकेस में पाई जाती है । तो कोई आत्महत्या कर लेती है । या फिर कोई तान्या की तरह जमाने के ताने सहते हुए घुट घुट के मरती हैं । पर जो भी हो, मराया ने अपनी मां तान्या के पदचिह्नों पर चलने का निर्णय कर लिया है । एक और बिन ब्याही मां बनने जा रही है, और वह लड़की है मराया । भगवान सबको सद्बुद्धि दे । 

श्री हरि 
6.2.23 


   11
10 Comments

Anjali korde

21-Jul-2023 11:22 AM

Very nice

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

21-Jul-2023 07:19 PM

बहुत बहुत आभार मैम

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

07-Feb-2023 11:21 AM

💐💐🙏🙏

Reply

Punam verma

07-Feb-2023 09:01 AM

Very nice

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

07-Feb-2023 11:21 AM

धन्यवाद जी

Reply